Friday, 25 January 2013

“स्वयं के बारे में सोचना” हैं ना ?


चार्ल्स श्वाब से उनकी सफलता का रहस्य पूँछने पर उन्होंने स्वीकार कि – ‘उनकी सबसे बड़ी सम्पति लोगों को Motivate करने कि उनकी अदभुत क्षमता है ’ यहाँ आश्चर्य कि बात यह है कि उन्होंने यह नहीं कहा कि वे स्टील को सबसे अच्छे तरीके से बनाना जानते हैं ! शायद वे जानते थे कि स्टील बनाना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना लोगों को MOTIVATE  करना और यही कारण था कि चार्ल्स श्वाब 20वीं शताब्दी में सबसे अधिक वेतन पाने वाले एंड्रयु कार्नेगी की कंपनी के President थे | अब आप समझ गए होंगे कि महत्वपूर्ण क्या है ? हाँ बिलकुल ! आप सही सोच रहे हैं –


“स्वयं के बारे में सोचना” हैं ना ?

यहाँ पर मै गुणों के बारे में सोचने के लिए कह रहा हूँ | हो सकता है आप सोच रहे हों कि हमें गुणों के साथ दोषों के बारे में भी सोचना चाहिए | हाँ यह उचित भी लगता है और जैसा कि एक किताब का Title  भी है – ‘आखिर छात्र असफल क्यों होते हैं’ जिसमें Students की कमियों और दोषों को रेखांकित किया गया है | लेकिन मै यहाँ स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि स्वयं के दोषों के बारी में सोचना बिलकुल बकवास है | हाँ आप सही सुन रहे हैं बिलकुल बकवास ! यह इतना महत्वपूर्ण है कि मै अपनी बात को दोहरा रहा हूँ – ‘हमें कभी भी अपने दोषों के बारे में नहीं सोचना चाहिए ’ मै इस बात पर इतना जोर क्यों दे रहा हूँ ?? इसके दो कारण हैं —

 1.      यह एक तथ्य है कि – सम्पूर्ण ब्रह्मांड में हम जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है |  वे चाहे आपके दोष हों या गुण इस बात से फर्क नहीं पड़ता ,फर्क इस बात से पड़ता है कि आप ‘किस चीज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं |’ इसलिए आप सावधान रहिये कि आप क्या देखते हैं ,क्या पढते हैं ,और क्या सुनते हैं क्योंकि आप हर पल हर क्षण वही बन रहे हैं जिस बारे में आप सोचते हैं

2.      
अगर आप इस बात पर विश्वास करते हैं कि – ‘यदि हम अपने दोषों और कमियों को जानेंगे नहीं तो सुधारेंगे कैसे ?’ तब भी आपको अपने दोषों के बारे में सोचने कि आवश्यकता नहीं है , कैसे ? आप यह काम अपने परिवार , कुछ दोस्तों ,और समाज पर छोड़कर निश्चिन्त हो सकते हैं |और अगर आपको इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा तो आप अभी से ध्यान देना शुरू कर दें और मै इस बात पर शर्त लगा सकता हूँ कि अभी आप जरा भी अंदाजा नहीं लगा सकते कि वे लोग (आपके परिवार के कुछ सदस्य ,कुछ दोस्त या अन्य लोग ) आपकी गलतियों और दोषों को आपके सामने कितनी बार दोहरातें हैं | हो सकता उनमें से कुछ लोग सचमुच आपकी कमियों को सुधारना चाहते हों पर अनजाने में ही सही वे आपकी कमियों और दोषों को लगातार बढ़ा रहे हैं | यहाँ पर आप सावधान हो सकते हैं , कि आप ऐसे लोगों के संपर्क में नहीं रहेंगे जो निरंतर आपकी गलतियों को बताते हों | तो –  हमें क्या करना चाहिए -

प्रिय मित्रों अगर आप अपने प्रमुख गुणों और उनके विकास को लेकर गंभीर हैं , तो तेजी से चिल्लाकर कहें -
‘हाँ मै गंभीर हूँ ……’
ओह मैंने सुन लिया, तो शुरू करते हैं – सबसे पहले आप एक सफ़ेद कागज लें और उस कागज के बीच में लिखें – ‘मेरे प्रमुख गुण ’ ‘My special qualities’ और इसके चारों ओर एक गोला खींच दें  – कुछ इस प्रकार

फिर इस गोले के दांये-बांये शाखाएं निकलते हुए अपने प्रमुख गुणों को लिखें , मैंने अपने प्रमुख गुणों को इस प्रकार लिखा हैं:

इस प्रक्रिया को Mind Mapping कहते हैं | इसे Tony Buzan ने लोकप्रिय बनाया है | इसके द्वारा आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने मस्तिष्क के दोनों हिस्सों का प्रयोग करते हैं | और आप ऊपर बने चित्र को जितना देखेंगे और पढेंगे उसमे लिखे गुण आपके अंदर समाहित हो जांयेगे |और यह एक Life changing  प्रक्रिया है |जिसकी सहायता से आप कठिन से कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और आपका लक्ष्य क्या है  -अपने प्रमुख गुणों को पहचानना और उनका विकास करना.

सोच बदलो सितारे बदल जायेंगे



सोच बदलो सितारे बदल जायेंगे 

Suppose करिए कि आपकी बार-बार एक ही negative thought को सोचने की बुरी आदत है. और suppose करिए कि असल दुनिया में उस सोच की कोई अभिव्यक्ति नहीं है. वो बस एक नकारात्मक सोच है , जैसे ” मैं बहुत depressed हूँ” या ” मुझे अपनी नौकरी से नफरत है” या ” मैं ये नहीं कर सकता” या “मुझे अपने मोटापे से नफरत है.” आप किसी  बुरी आदत से कैसे छुटकारा पायेंगे जब वो पूरी तरह से आपके दिमाग में हो ?
असल में negative thought pattern को बदलने के बहुत सारे तरीके हैं. Basic idea ये है कि पुराने thought pattern को नए से replace कर दिया जाए. मानसिक रूप से नकारात्मक सोच का विरोध करना उल्टा पड़ सकता है- आप इसे और मजबूत करते जायेंगे और स्थिति बदतर हो जाएगी. आप जितना अपने neurons को उसी दिशा में fire करेंगे, आपकी नकारात्मक सोच उतनी ही शशक्त होती जायेगी.
यहाँ एक तरीका है जो मैं अपने negative thought patterns को break करने के लिए use करता हूँ.  ये basically एक memory technique जिसे ‘chaining’ कहते हैं से मिला जुला कर बना है. ये तरीका मेरे लिए बहुत सही काम करता है.
Negative Thought pattern का विरोध करने का प्रयास करने की बजाये आप इसकी दिशा बदल दीजिये. इसे आप एक mental kung fu की तरह से समझिये. नकारात्मक सोच की उर्जा को लीजिये और उसे सकारात्मक सोच की तरफ मोड़ दीजिये. थोड़ी सी mental conditioning के साथ जब भी आपके दिमाग में negative thought आएगी , आपका दिमाग खुद बखुद positive thought की तरफ divert हो जाएगा. ये Pavlov’s dogs की तरह है जो घंटी बजने पर लार टपकाना सीख जाते हैं.
ये ऐसे काम करता है:
मान लीजये आपकी negative thought एक subvocalization है, मतलब आपको अन्दर से एक आवाज़ सुनाई देती है जिसे आप बदलना चाहते हैं , जैसे कि, ” मैं idiot हूँ”. अगर आपकी negative thought एक आवाज़ होने की बजाये एक mental image (कोई चित्र जो दिमाग में आता हो) या  kinesthetic ( कोई अन्दर होने वाला एहसास
) हो तो भी आप इस process को use कर सकते हैं. कई मामलों में आपका विचार इन तीनों का combination भी हो सकता है.

Step 1: अपनी negative thought को एक mental image में बदल लें.

उस आवाज को सुनिए और दिमाग में उसकी एक तस्वीर बना लीजिये.For Example, यदि आपकी सोच है कि , “मैं idiot हूँ”, तो कल्पना कीजिये कि आप मूर्खतापूर्ण कपडे पहने और जोकरों वाली टोपी लगाकर इधर उधर कूद रहे हैं. आपके चारो तरफ लोग खड़े हैं जो आपकी तरफ ऊँगली दिखा रहे हैं और आप चिल्ला रहे हैं, “मैं idiot हूँ” आप इस scene को जितना बढ़ा चढ़ा कर देखेंगे उतना बेहतर है . चटक रंगों, खूब सारे animation,यहाँ तक कि आप कुछ sex से भी सम्बंधित सोच सकते हैं यदि ये आपको याद रखने में मदद करे. इस scene को बार-बार तब तक practice करते रहिये जब तक महज वो negative line सोचने भर से आपके दिमाग में आपकी कल्पना की हुई negative mental image ना आने लगे.
यदि आपको उस विचार का चित्रण करने में दिक्कत हो तो आप उसे एक आवाज़ का भी रूप दे सकते हैं. अपनी negative thought को एक आवाज़ में बदल लें , जैसे कि कोई धुन जिसे आप गुनगुनाते हों. इस प्रोसेस follow करने में को चाहे एक  sound की कल्पना करें या किसी चित्र की , दोनों ही तरह से ये काम करेगा. वैसे मैं किसी चित्र के बारे में कल्पना करना prefer करता हूँ.
 Step 2: उस negative thought को replace करने के लिए कोई powerful positive thought चुनें.
अब decide करिए की negative thought को replace करने के लिए आप कौन सी positive thought चुनेंगे. जैसे कि यदि आप ये सोचते रहते हैं कि, ” मैं idiot हूँ,” तो शायद आप उसे , “मैं brilliant हूँ.” से replace करना चाहेंगे. कोई ऐसी सोच चुनिए जो आपको कुछ इस तरह से शशक्त बनाए कि आप उस negative thought के असर को कमजोर बना पाए.

Step 3: अब अपनी positive thought को एक mental image में बदल लें

एक बार फिर से Step 1 की तरह ही अपनी positive thought के लिए एक mental image बना लें. जैसे कि उदाहरण में ली गयी सोच  “में brilliant हूँ” के लिए आप खुद को Superman की तरह दोनों हाथ कमर पर रख कर खड़ा हुआ होने की कल्पना कर सकते हैं.और आप सोच सकते हैं कि ठीक आपके सर के ऊपर एक bulb जल रहा है. Bulb बहुत तेज रौशनी के साथ जगमगा रहा है, और आप जोर से चीख रहे हैं, ” मैं bbbbrrrrrillllliannnnttt हूँ !”. इसकी practice तब तक करते रहिये जब तक महज वो positive line सोचने भर से आपके दिमाग में आपकी कल्पना की हुई positive mental image ना आने लगे.

Step 4: अब दोनों mental images को एक साथ जोड़ दीजिये.

आपने Step 1 और Step 3 में जो mental image सोची है , दोनों को अपने दिमाग में चिपका दीजिये. ये trick chaining नामक memory technique में प्रयोग होती है. इसमें आप पहले चित्र को दुसरे में परिवर्तित कर देते हैं. मेरा सुझाव है कि आप इस एक animated movie की तरह करिए. इसमें आपको पहला (negative picture) और आखिरी (positive picture) scene का अंदाजा है, बस आपको बीच में एक छोटा सा एनीमेशन भरना है.
For example, पहले scene में  आपके idiot version पर कोई एक light bulb फेंकता है.और आप उस बल्ब को कैच कर लेते हैं और  आपके पकड़ते ही वो बल्ब बड़ा होने लगता है और उससे इतनी तेज रौशनी निकलती है कि आपको घेरे हुए लोग चौंधिया जाते हैं. तब आप अपने मूर्खतापूर्ण कपड़ों को फाड़ कर फेंक देते हैं और चमचमाते सफ़ेद लिबास में प्रकट होते हैं. आप Superman की तरह पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े होकर जोर से चिल्लाते हैं, ” ” मैं bbbbrrrrrillllliannnnttt हूँ !”और फिर वो लोग अपने घुटनों के बल बैठ जाते हैं और आपकी पूजा करने लगते हैं. एक बार फिर , आप इसे जितना बढ़ा-चढ़ा कर सोचेंगे उतना अच्छा होगा. बढ़ा-चढ़ा कर सोचना आपको scene को याद रखें में मदद करेगा क्योंकि हमारा दिमाग unusual चीजों को याद रखने के लिए designed होता है.
एक बार जब आप पूरा scene complete कर  लें तो फिर बाद-बाद इसे अपने दिमाग में दोहरायें ताकि speed आ जाये. इस  scene को शुरू से अंत तक तब तक imagine करते रहिये जब तक कि आप पूरा का पूरा scene 2 मिनट में complete नहीं कर लेते, ideally 1 मिनट में. ये बिजली की तेजी से होना चाहिए, वास्तविक दुनिया से कहीं तेज.

 Step 5: Test.

अब आपको अपने mental redirect को टेस्ट करना है कि ये काम कर रहा है कि नहीं. ये बहुत हद्द तक HTML redirect की तरह है – जब आप पुराना negative URL input करते हैं, तब आपका दिमाग उसे automatically positive की तरफ  redirect कर देता है.Negative thought के  दिमाग में आते ही तुरन्त positive thought आपके दिमाग में आ जानी चाहिए. अगर आपने ये सही से practice किया है तो ये automatically होने लगेगा. Negative thought दिमाग में आते ही पूरा का पूरा scene आपके दिमाग में घूम जायेगा. इसलिए आप जब भी ये सोचेंगे कि , ” मैं idiot हूँ “, भले आप पूरी तरह से aware ना हो कि आप ऐसा सोच रहे हैं, आप अंत में खुद को ये सोचता हुआ पायेंगे कि, “मैं brilliant हूँ”
अगर आपने पहले ऐसा visualization नहीं किया है तो आपको ये सब करने में कुछ समय लगेगा. Speed practice के साथ आएगी. एक बार अभ्यास हो जाने के बाद सारी चीजें सेकेंडों में हो जाएँगी. पहली बार करने में चीजें धीमी गति से होंगी,इससे discourage मत  होइए . किसी भी और skill की तरह इसे भी learn किया जा सकता है,और शायद पहली बार सीखने में ये आपको ये कुछ अटपटा लगे.
मेरा सुझाव है कि आप अलग-अलग तरह की कल्पना के साथ experiment करिए. आपको कुछ कल्पनाएँ बाकियों से सही लगेंगी. Association Vs. Dissociation पर ख़ास ध्यान दीजिये. जब आप किसी scene से associated होंगे तो आप उसे अपनी आँखों से घटता हुआ देखेंगे( i.e. first person perspective). जब आप dissociated होंगे तो आप उस scene में खुद को देखने की कल्पना करेंगे ( i.e. third person perspective). आम  तौर  पर मुझे best results खुद को dissociate करने पर मिलते हैं!!

Wednesday, 23 January 2013

"कार्लोस स्लिम हेलू ( CARLOS SLIM HELU )"

आइये दोस्तों हम ऐसे ही एक महान व्यक्ति के बारे में जानते हे जिन्होंने अपने जूनून अपनी सोच की ताकत के बल पर " BILL GATES  & WARREN BUFFETT " जेसे लोगो को भी शोहरत हासिल करने में पीछे छोड़ दिया ....... इनका नाम "कार्लोस स्लिम हेलू ( CARLOS SLIM HELU )" है !

कार्लोस स्लिम हेलू 


2010 में कार्लोस दुनिया के पहले अमीर लोगो में शामिल हुए (Based on FORBES rich list) ! " BILL GATES  & WARREN BUFFETT को पीछे पटक कर !!
इनका उद्देश्य है की यदि पुराने सामान को हम सुरक्षित कर उसका उप्यॊग कर सकते है तो उसे बेचे क्यों ?? बेचने की वजह एक और नया लेले !! इसी उद्देश्य पर आज वो अपने पुराने घर में ही रहते है, जबकि इन्होने उस पुराने घर के आलावा कई शानदार बंगले और गाड़िया ले राखी है !!

SOME QUOTES BY CARLOS SLIM HELU.........

1. When there is a crisis, that’s when some are interested in getting out and that’s when we are interested in getting in. 

2.It’s very important for leaders in business to work to create human capital, a team that has the same sense of purpose and alignment. 

3.You cannot live without doing something. 

4.I learned from my father that you continue to invest and reinvest in your business – including during crises.

5.Maintain austerity in good times to avoid lay offs in bad times. 



!! दोस्तों अपने सपनो को अगर सच करना है तो ये जरूरी हे की अपने सपने को पूरा करने के लिए जूनून लाना होगा !!

Your Think


कहते है  - "जूनून आशिक में हो तो आशिकी नाकाम नहीं जाती,  राही को चलने का जूनून हो तो मंजिल कही खो नहीं जाती .......  जूनून तो नाम हे उस तलवार का जिसके आंगे कोई भी धार काम नहीं आती "

दोस्तों हर इंसान के अन्दर एक जज्बा होता है , एक अंदरूनी ताकत होती है , जिसे कई बार आप सब ने  महसूस किया होगा ....... !

कभी कभी ऐसा भी होता है , किसी काम को लेकर हम बोहोत परेशां हो जाते है हमें लगता है की अब ये मुझसे नहीं हो पायेगा या में इसे पूरा नहीं कर सकता ऒर न चाहते हुए भी आप उस काम को छोड़ देते है या फिर बंद कर देते है ! ..........लेकिन क्या आपने काम की शुरुआत में ऐसा सोचा था की आप उसे बीच में ही छोड़ देंगे ?
नहीं ऐसा कोई भी इंसान नहीं सोचता की जो काम वो शुरू करने जा रहा है उसे बीच में छोड़ेगा ......!
जब हम कोई भी काम शुरू करते है , तो हमारे अन्दर से एक आवाज़ आती है की हा में इसे पूरा कर सकता हु और में करके दिखाऊंगा ! जेसे जेसे काम बढ़ता जाता है, अब वो बोझ लगने लगता है , आप के मन में अजीब से ख्याल , सवाल आते है की ये काम मेने शुरू ही क्यों किया जब ये मेरे बस का ही नहीं था तो क्यों मेंने इसमें अपना दिमाग ख़राब किया ......!!
और  अगर कोई आपसे उसी काम की थोड़ी सी बुराई करदे तो वो आप को वो एक दम अपना लगने लगता है और आप उस काम को छोड़ने का फेसला लेते है ..लेकिन जो आपके अन्दर से आवाज़ आती है उसे नहीं सुनते ....

दोस्तों  हमारी सोच हमें वो मक़ाम दिला सकती है जिसे हम हासिल करना चाहते है , हमें अपनी सोच को मजबूत करना चाहिए , आपने जो सोचा है उस पर आपको अडिक रहना चाहिए , यदी आपने सोच् लिया  की ये काम बोहोत सरल है तो हा ऐसा होता है की आप उसे बोहोत सरलता से पूरा कर देते है ....बस अन्दर जो जूनून छिपा होता है उसे पहचानने की जरूरत होती है ....अगर आप पूरे जूनून के साथ कोई भी काम करे तो वो जरूर पूरा होता है !!

Tuesday, 22 January 2013

" Warren Edward Buffett " " वॉरेन एडवर्ड बफे "


NameWarren Edward Buffett /  वॉरेन एडवर्ड बफे 
BornWarren Edward Buffett
August 30, 1930 (1930-08-30) (age 81)
Omaha, Nebraska, U.S.
NationalityAmerican
FieldBusiness magnate, investor, and philanthropist
AchievementsAmongst world’s richest men, Chairman & CEO of Berkshire Hathaway; Regarded as one of the most successful investors in the world. called the “Wizard of Omaha”, “Oracle of Omaha” or the “Sage of Omaha”.दुनिया के सबसे सफल निवेषकों में से एक.
" Warren Edward Buffett "  आपने इनका नाम तो कई बार सुना होगा , दुनिया के सबसे सफल "investors" में से एक है ! लेकिन ______ क्या ये शुरू से ही इतने अमीर थे ? क्या ये शोहरत जो आज इनके पास है ये शुरू से ही इनके पास थी ?

 NO , नहीं !

 तो  ये इस मुकाम पर पोहुचे ? इन्होने केसे अपने सपनो को सच किया ?

आइये जानते है की  इन्होंने ये मुकाम केसे हासिल किया .....

Ms. Buffet एक NWESPAPER बाटने वाले का काम (job) करते थे ,इन्हें जितनी भी इनकम  मिलती थी ये उसका ज्यादा से ज्यादा बचत करते थे , और बचाए हुए रुपये को ये profitable stoke में invest करते थे ! और जो रूपया वो पाते थे उसका उपयोग lend purchase करने में करते थे ! क्युकी वो जानते थे की  , INVESTMENT GAVE HIM MORE "INCOME" COMPARED TO JUST SAVING MONEY .

" Warren Edward Buffett "
मुझे हमेशा से पता था कि मैं अमीर बनने जा रहा हूँ.मुझे नही लगता कि मैंने एक मिनट के लिए भी इस बात पर शक किया !!
 इनके 2 नियम -" नियम नम्बर १: कभी पैसा मत गंवाइये . नियम नम्बर २: कभी नियम नम्बर १ मत भूलिए."

दोस्तों आज इनके पैसा कमाने या कह सकते हे की इनकी अपनी सोच ने इनका नाम दुनिया के सबसे सफल इन्वेस्टरो में जोड़ा है ... इनकी सोच बताती है की इनके अन्दर एक जूनून है की हा मुझे और शोहरत हासिल करनी है !!